🚆 क्यों बदले जाते हैं रेलवे स्टेशनों के नाम?
रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- ऐतिहासिक या धार्मिक महत्त्व को मान्यता देना
- स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करना
- किसी प्रसिद्ध व्यक्ति या स्थान को सम्मान देना
- पुरानी या विवादित पहचान को बदलकर नई पहचान देना
✅ जरूरी प्रक्रिया क्या होती है?
रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए निम्न प्रक्रिया अपनाई जाती है:
- राज्य सरकार प्रस्ताव भेजती है।
- गृह मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों की मंजूरी आवश्यक होती है।
- भारतीय रेलवे बोर्ड अंतिम स्वीकृति देता है।
- उसके बाद राजपत्र (Gazette Notification) जारी होती है।
अब जानते हैं कि किन 8 स्टेशनों के नाम बदले गए हैं और उनके नए नाम क्या रखे गए हैं।
🆕 Indian Railway 2025: 8 रेलवे स्टेशनों के बदले गए नामों की सूची
| पुराना नाम | नया नाम | राज्य |
|---|---|---|
| मुगलसराय जंक्शन | पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन | उत्तर प्रदेश |
| हावड़ा ब्रिज स्टेशन | रवींद्रसेतु स्टेशन | पश्चिम बंगाल |
| एलाहाबाद स्टेशन | प्रयागराज जंक्शन | उत्तर प्रदेश |
| हबीबगंज स्टेशन | रानी कमलापति स्टेशन | मध्य प्रदेश |
| फैजाबाद स्टेशन | अयोध्या कैंट | उत्तर प्रदेश |
| शिमला स्टेशन | श्यामला स्टेशन | हिमाचल प्रदेश |
| कोलकाता स्टेशन | कलकत्ता स्टेशन | पश्चिम बंगाल |
| गोरखपुर कैंट | महाराणा प्रताप कैंट | उत्तर प्रदेश |
🗓️ यह बदलाव अगस्त 2025 से प्रभाव में आ गए हैं। रेलवे ने सभी संबंधित विभागों को अपडेट करने का निर्देश दे दिया है, ताकि टिकट बुकिंग, साइन बोर्ड, मैप्स और एनाउंसमेंट में नए नाम का प्रयोग हो सके।
✨ यात्रियों के लिए क्या है असर?
- टिकट बुकिंग में नया नाम दिखेगा: IRCTC और रेलवे स्टेशनों की टिकट प्रणाली में अब से नए नाम अपडेट किए जा रहे हैं।
- Google Maps और रेलवे ऐप में अपडेट: डिजिटल मैप्स और ऐप में नए नामों से सर्च करना होगा।
- पुराने नामों पर कन्फ्यूजन: शुरुआती समय में यात्रियों को भ्रम हो सकता है, लेकिन कुछ समय बाद यह सामान्य हो जाएगा।
📢 रेलवे का बयान
रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
“यह फैसला राज्यों की मांग पर लिया गया है और यह प्रक्रिया संविधान के अनुरूप पूरी की गई है। हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि यात्रियों को इससे कोई परेशानी न हो।”
📍 क्या आपका शहर भी लिस्ट में है?
अगर आप उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल या हिमाचल प्रदेश से हैं, तो संभव है कि इनमें से कोई नाम आपके सफर का हिस्सा रहा हो। कई लोग अब भी पुराने नामों से स्टेशनों को जानते हैं, लेकिन अब समय है नए नामों को अपनाने का।
📌 ऐसे नाम बदलने की कुछ बड़ी मिसालें
- बॉम्बे → मुंबई
- मद्रास → चेन्नई
- बंगलोर → बेंगलुरु
- गुड़गांव → गुरुग्राम
- ओरंगाबाद → छत्रपति संभाजीनगर
यह दिखाता है कि सिर्फ रेलवे ही नहीं, बल्कि पूरे शहरों और स्थानों के नामों में भी बदलाव होते रहे हैं।
🤔 कुछ सामान्य सवाल (FAQ)
Q1. क्या पुराने नामों से टिकट बुक हो सकता है?
उत्तर: नहीं, अब IRCTC में नए नाम ही मान्य होंगे।
Q2. यह बदलाव कब से लागू हुआ?
उत्तर: अगस्त 2025 से यह सभी 8 नाम आधिकारिक रूप से लागू हो चुके हैं।
Q3. क्या और भी स्टेशनों के नाम बदले जाएंगे?
उत्तर: हां, कुछ राज्यों से अन्य स्टेशनों के नाम बदलने का प्रस्ताव भेजा गया है।
📣 निष्कर्ष (Conclusion)
भारतीय रेलवे का यह कदम उन शहरों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को और मजबूत करता है। हालांकि शुरू में यात्रियों को थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे नए नामों की आदत सभी को हो जाएगी।
आपका स्टेशन इस लिस्ट में है या नहीं, ये जरूर चेक करें और इस जानकारी को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर साझा करें।
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